|| छैठ ||
चलू सजि सखी घाट लय ढाकी
छैठक कोसिया कुरवार |
सजल अछि झुण्डक झुण्ड कतार
कोकिल कण्डे सुमधुर वाणी
छैठिक गीत गाबैथ मिथिलानी
नव अँचार पर नाचय नटुआ
घुँघरु के झनकार ||
सजल अछि -------
जेहन जिनकअछी कबूला पाती
घाटे भरल तेहन अछि पाँती
अस्सी बरखक बुढ़ियो जल में
कोनियाँ लेने ठार ||
सजल अछि ---------
ठकु आ भुसबा लड़ू पेडा
पान फूल फल पीयर केरा
हाथी ऊपर सजल अछि दीया
ढाकी में कुसियार ||
सजल अछि -------
हे दिनकर , हे राणा मैया
हमर कियो नञि नाव खेबैया
बीच भवँर में उबडूब जीवन
अहिं "रमणक " पतवार ||
सजल अछि -----
चलू सजि ---छैठक कोसिया ---
सजल अछि -------
रचित -
रेवती रमण झा "रमण "
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