|| पावन हमर ई मिथिला धाम ||
हनुमंत एक बेर आबि के देखियो
पावन हमरो मिथिला धाम |
अपन सासुर में बैसल छथि
अहाँक प्रभु श्री राम ||
हनुमंत एक बेर ----
जनम - जनम तप ऋषि -मुनि कयलनी
नञि पुरलनी अभिलाषा |
चहुँ दिश सरहोजि सारि घेरि कउ
कयने छन्हि तमसा ||
हनुमंत एक बेर ----
वर हास - परीहास कुसुम - कली
छाओल ऋतु मधुमासे |
सात स्वर्ग - अपवर्ग कतौ नञि
एहन मधुर उपहासे ||
हनुमंत एक बेर ----
एकहि इशारे , नाचि रहल छथि
बनि कय जेना गुलाम |
"रमण " सुनयना सासु मुदित मन
शोभा निरखि ललाम ||
हनुमंत एक बेर ----
रचित -
रेवती रमन झा "रमण "
मो - 9997313751
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