|| जे छल सपना ||
सुन - सुन उगना ,
कंठ सुखल मोर जलक बिना |
सुन - सुन उगना ||
कंठ सुखल -----
नञि अच्छी घर कतौ !
नञि अंगना
नञि अछि पोखैर कतौ
नञि झरना |
सुन - सुन उगना ||
कंठ सुखल -----
अतबे सुनैत जे
चलल उगना
झट दय जटा सँ
लेलक झरना |
सुन - सुन उगना ||
कंठ सुखल -----
निर्मल जल सरि के
केलनि वर्णा |
कह - कह कतय सँ
लय लें उगना ||
सुन - सुन उगना ||
कंठ सुखल --
अतबे सुनैत फँसी गेल उगना
"रमण " दिगम्बर जे
छल सपना |
सुन - सुन उगना ||
कंठ सुखल -----
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